Vaishnavi Paul IAS : उत्तर प्रदेश के अंतर्गत आने वाले गोंडा जिले की बटिया ने अपने क्षेत्र का नाम रोशन कर दिया था। जब सभी को पता चला कि हमारे गांव की बिटिया ने यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा को उत्तीर्ण कर लिया है। और एक IAS के रूप में नया जन्म पाया हैं। तो पूरे गोंडा जिले से लेकर उनके निवास स्थान तक सभीं की आंखों में आशु आ गए थे। एक तरह से खुशी का माहौल इतना अच्छा बन गया था जैसे किसी की शादी हो रही हो और दुल्हा बारात लेकर आया हों।
Vaishnavi Paul IAS:
यूपी की बेटी ने अपने माँ बाप का नाम आसमान में चमकाने का काम किया। यह कहानी यूपी के गोंडा की आईएएस बेटी वैष्णवी पॉल की है। उन्होनें 2022 में परीक्षा में 62वीं रैंक लाकर राज्य के गौरव को बढ़ाया था। वैष्णवी पॉल ने यूपीएससी परीक्षा में चौथे अटेम्पट में सफलता हासिल करी थी। वैष्णवी खुद बताती है की उन्होंने खुद से ही आईएएस बनने का वादा किया था। फिर दिन रात एक करके सफलता हासिल करके ही दम लिया। बोली मुझे प्रेरणा मिली तो सिर्फ और सिर्फ अपनी मां से क्योंकि वह मां होने के साथ साथ एक टीचर भी थी।
इसके बाद उन्होंने जेएनयू में मास्टर्स करने के लिए एडमिशन लिया। अपनी सफलता पर उन्होंने कहा, ‘मैंने लोक सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 62 हासिल की। मुझे बहुत खुशी है कि मुझे वह करने का मौका मिला, जो मैंने सोचा था।’ उन्होंने कहा, ‘बचपन में मेरे पिता ने मुझे अखबार पढ़ने की आदत डाली और जब आप अखबार खोलते हैं, तो ज्यादातर स्थानीय खबरें देखते हैं, कि कैसे जिला मजिस्ट्रेट यह करता है, एसपी वह करता है। शुक्र है कि मेरे पास भी एक सपोर्ट सिस्टम है। मेरे माता-पिता, मेरी बहन, मेरा मामा, मेरे सभी शिक्षक, मेरे सभी दोस्त मेरे लिए हमेशा मौजूद थे।
वैष्णवी ने अपनी यात्रा में विफलताओं का सामना किया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उनकी कहानी दर्शाती है कि सही समर्थन प्रणाली, कठिन परिश्रम, और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ सफलता हासिल की जा सकती है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:
Vaishnavi Paul IAS ने कहा कि शिक्षा को हमेशा पहले स्थान पर रखना चाहिए। बचपन से ही मेरी मुख्य प्रेरणा अखबार पढ़ने से मिली। जिले के फातिमा स्कूल से इंटरमीडिएट तक पढ़ाई करने वाली वैष्णवी ने दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से अर्थशास्त्र में मास्टर्स की डिग्री हासिल की।इसके बाद उन्होंने जेएनयू में मास्टर्स करने के लिए एडमिशन लिया। अपनी सफलता पर उन्होंने कहा, ‘मैंने लोक सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 62 हासिल की। मुझे बहुत खुशी है कि मुझे वह करने का मौका मिला, जो मैंने सोचा था।’ उन्होंने कहा, ‘बचपन में मेरे पिता ने मुझे अखबार पढ़ने की आदत डाली और जब आप अखबार खोलते हैं, तो ज्यादातर स्थानीय खबरें देखते हैं, कि कैसे जिला मजिस्ट्रेट यह करता है, एसपी वह करता है। शुक्र है कि मेरे पास भी एक सपोर्ट सिस्टम है। मेरे माता-पिता, मेरी बहन, मेरा मामा, मेरे सभी शिक्षक, मेरे सभी दोस्त मेरे लिए हमेशा मौजूद थे।
Vaishnavi Paul IAS से यूपीएससी इंटरव्यू में पूछे गए सवाल
उन्होंने कहा, ‘मुझसे इंटरव्यू में बहुत सारे सवाल पूछे गए। एक बहुत अच्छा सिचुएशनल सवाल था कि अगर आप डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के तौर पर आते हैं और पिछले डीएम का वहां के एसपी से बहुत अच्छा रिश्ता नहीं था, तो आप क्या करेंगे। मैंने पूरे आत्मविश्वास के साथ जवाब दिया कि मैं उनके साथ सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ शुरुआत करूंगी।अफसर बनने की प्रेरणा और समर्थन कहा से मिला :
Vaishnavi Paul IAS ने अपनी प्रेरणा का श्रेय Newspapers और एक तिलस्मी घटना को दिया, जिन्हें पढ़कर उन्हें जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षकों की भूमिकाओं के बारे में जानकारी मिली। और एक घटना जिसके कारण उन्होंने ठाणा की वह अब यूपीएससी की परीक्षा देंगी, उनके पिता, आदित्य पॉल (जो कि एक व्यापारी और गोंडा में व्यापार सभा के नेता), ने उन्हें अखबार पढ़ने की आदत डाली। उनकी मां, जो एक शिक्षिका हैं, और उनके शिक्षकों व दोस्तों ने उनकी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।वैष्णवी ने अपनी यात्रा में विफलताओं का सामना किया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उनकी कहानी दर्शाती है कि सही समर्थन प्रणाली, कठिन परिश्रम, और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ सफलता हासिल की जा सकती है।
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